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तो राक्षस आप भी हो👺!

                      बैठक में टी.वी. चल रहा था, जिस पर रामायण आ रही थी। रामायण का यह लोकप्रिय धारावाहिक हमेशा से हमारे समाज और परंपराओं का आईना रहा है। मेरे मित्र अशोक यादव बहुत ध्यान से इसे देख रहे थे। जैसे ही एक दृश्य आया, जिसमें भगवान राम किसी राक्षस का वध करते हैं, अशोक यादव मुस्कुराते हुए बोले, "लो हो गया इस दैत्य 'राक्षस' का भी काम तमाम!" उनकी खुशी देखकर मैंने सहज ही पूछा, "अशोक जी, इतना खुश होने की क्या आवश्यकता है?" अशोक जी बोले, "मैं इसलिए खुश हूँ कि राम ने एक राक्षस का अंत कर दिया।" मैंने उनकी ओर देखते हुए कहा, "तो फिर इसमें खुश होने की क्या बात है? राक्षस तो आप भी हो।" मेरी बात सुनकर अशोक यादव हैरान रह गए। थोड़े गुस्से में बोले, "आपने हमें राक्षस क्यों कहा? हम राक्षस थोड़े ही हैं!" मैंने मुस्कुराते हुए कहा, "अशोक जी, आप ही नहीं, बल्कि आपका बेटा भी राक्षस है।" अब तो अशोक जी गुस्से से लाल हो गए। उन्होंने कहा, "हम आपकी इज्जत करते हैं, इसका मतलब यह नहीं कि आप हमारी सरेआम बेइज्जती करेंगे।" मैंने गंभीर...

भारत के अलावा अन्य देशों में ऐसा क्यूँ नही ?????

     क्या आप जानते हैं ? भारत में जो टेक्नोलॉजी थी वो किसी भी देश में नही थी। आप भी इस रहस्य को अपने बच्चों को जरूर बताएं । क्या आप जानते हैं? भारत में ऐसी प्राचीन मान्यताएं और कहानियां हैं, जो अद्वितीय और रहस्यमयी प्रतीत होती हैं। ये कहानियां पीढ़ियों से चली आ रही हैं और बच्चों को सुनाने के लिए आकर्षक हो सकती हैं: भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां इंसान की गर्दन में हाथी का सिर जोड़ा गया (गणेश कथा)। यहां एक कहानी है जिसमें मुख, भुजा, जंघा और पैर से एक बालक की उत्पत्ति हुई (पुराणों में वर्णित)। सूर्य को निगलने का किस्सा यहां प्रचलित है, और दुनिया को इसका पता भी नहीं चला (हनुमान कथा)। चूहे, पक्षी और शेर की सवारी केवल भारत की कहानियों में होती है। शरीर के मैल से विशेष तकनीक द्वारा बालक की उत्पत्ति की बात की गई (कर्ण की कथा)। पत्थर पानी में तैरते थे, जबकि गेंद डूब जाती थी (रामसेतु कथा)। भालू और बंदर भी पढ़े-लिखे माने गए (रामायण के पात्र)। है ना अद्भुत? इस रोचक संस्कृति को विश्व में प्रचारित करें, ताकि दूसरे देश भी इसके बारे में जान सकें। अंधविश्वास भगाओ, विज्ञान लाओ आज के...