भारत के अलावा अन्य देशों में ऐसा क्यूँ नही ?????
क्या आप जानते हैं ?
भारत में जो टेक्नोलॉजी थी वो किसी भी देश में नही थी। आप भी इस रहस्य को अपने बच्चों को जरूर बताएं ।
क्या आप जानते हैं?
भारत में ऐसी प्राचीन मान्यताएं और कहानियां हैं, जो अद्वितीय और रहस्यमयी प्रतीत होती हैं। ये कहानियां पीढ़ियों से चली आ रही हैं और बच्चों को सुनाने के लिए आकर्षक हो सकती हैं:
- भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां इंसान की गर्दन में हाथी का सिर जोड़ा गया (गणेश कथा)।
- यहां एक कहानी है जिसमें मुख, भुजा, जंघा और पैर से एक बालक की उत्पत्ति हुई (पुराणों में वर्णित)।
- सूर्य को निगलने का किस्सा यहां प्रचलित है, और दुनिया को इसका पता भी नहीं चला (हनुमान कथा)।
- चूहे, पक्षी और शेर की सवारी केवल भारत की कहानियों में होती है।
- शरीर के मैल से विशेष तकनीक द्वारा बालक की उत्पत्ति की बात की गई (कर्ण की कथा)।
- पत्थर पानी में तैरते थे, जबकि गेंद डूब जाती थी (रामसेतु कथा)।
- भालू और बंदर भी पढ़े-लिखे माने गए (रामायण के पात्र)।
है ना अद्भुत? इस रोचक संस्कृति को विश्व में प्रचारित करें, ताकि दूसरे देश भी इसके बारे में जान सकें।
अंधविश्वास भगाओ, विज्ञान लाओ
आज के युग में, तर्क और विज्ञान के आधार पर धर्म और ईश्वर को लेकर कई प्रश्न उठाए जाते हैं। यहाँ कुछ तार्किक तर्क दिए गए हैं:
- मनुष्य के अलावा दुनिया का कोई और प्राणी भगवान को नहीं मानता।
- जहाँ इंसान नहीं गया, वहाँ मंदिर, मस्जिद, या चर्च नहीं मिले। पुरे ब्रम्हांड बनाने वाले भगवान ने कभी कोई मंदिर नहीं बनाया। चलिए अवतार लेने वाले देवताओ ने भी ऐसे जगह मंदिर नहीं बनाया जहाँ कोई पहुंच ही नहीं सका। अब वर्तमान मे ऊन जगह कोई मंदिर नहीं। चाँद मंगल पर भी नहीं।
- अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग देवता हैं, जिससे पता चलता है कि ईश्वर की कल्पना इंसानों द्वारा की गई।
- धर्म और देवताओं की विविधता बताती है कि ईश्वर भी एक नहीं।
- नए-नए भगवान बनते जा रहे हैं। रोज नए नए भगवान पैदा हो रहे।
- प्रार्थना करने के तरीकों में भी भिन्नता है।
- "माना तो भगवान, नहीं तो पत्थर" कहावत के पीछे गहरा अर्थ है।
- देवताओं के आकार और पूजा की विधियाँ स्थान के अनुसार अलग-अलग हैं।
- आज तक किसी ने ईश्वर को प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं है। न स्वर्ग और न ही नर्क। एक वर्ग को दान करने कि जरूरत है और दूसरे का जन्म सिद्ध अधिकार है स्वर्ग का 🤣।
- भगवान को मानने वाला और न मानने वाला भी समान जीवन जीता है।
- भगवान अन्याय, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, या अपराध नहीं रोक सकते।
- छोटे मासूम बच्चों पर होते अत्याचार को भगवान रोक नहीं पाते।कितने ही अनगिनत अत्याचार हुए, पर जो सच्चे और ईमानदार है वो दुखी है, कष्ट भोग रहे है। अत्याचारी खुश है।
- मंदिर, मस्जिद, और चर्च में भी शांति और सुरक्षा की गारंटी नहीं। वहाँ भी कुछ न कुछ हादसे होते रहते है।
- धार्मिक स्थलों को गिराते समय भगवान ने विरोध नहीं किया।
- बिना अभ्यास के भगवान ने किसी छात्र को पास नहीं किया।
- कुछ भगवान हाल के वर्षों में लोकप्रिय हुए हैं, जैसे सांई बाबा।
- खुद को भगवान कहने वाले कई लोग अब जेल में हैं। कुछ वर्ष पहले ही ले लो कई लोग खुद को भगवान कहते रहे और व्यभिचारी निकले। बहुत लोग अभी भी उनके भक्त है।
- भगवान को न मानने वाले भी सुख-चैन से जीते हैं।
- धर्मों के बीच भिन्नता बताती है कि "सत्य" अभी तक स्पष्ट नहीं।
- धरती शेष नाग के फन पर टिकी है और शेषनाग किस पर बैठे है। चलो वो भी किसी पर बैठे है अगला कहाँ बैठा है।
- बाकि ग्रह निक्षत्र किस पर टिके है।
तर्क से सोचें, वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं
यह लेख आपको सोचने के लिए प्रेरित करता है कि क्या आप परंपराओं को आँख मूँदकर स्वीकार करेंगे, या उनके पीछे के वैज्ञानिक और तार्किक पक्ष को समझेंगे। सत्य की खोज में तर्क और विज्ञान का सहारा लें।
"अंधविश्वास छोड़ो, ज्ञान बढ़ाओ।"
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