गोंड वंश की गोत्रावली
- गोत्र: कुम्भ
- भाइयों की संख्या: 4
- भाइयों के नाम: नेताम, टेकाम, सेन्द्राम, करियाम
- पूज्य दिन: सोमवार और बुधवार
- ध्वजा का रंग: सफेद
- गढ़: लांजी
गंग वंश को रजोगुण से जोड़कर देखा जाता है। इनकी सफेद ध्वजा पवित्रता और ईश्वर के प्रति निष्ठा का प्रतीक है। गढ़ लांजी इस वंश का सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है।
- गोत्र: कश्यप, पुलस्त
- भाइयों की संख्या: 7
- भाइयों के नाम: मरइ, कुंजाम, खुड़श्याम, श्याम, सेवता, पंद्ररो, चान्द्रम
- पूज्य दिन: इतवार और शनिवार
- ध्वजा का रंग: लाल
- गढ़: मंडला
नागवंश तमोगुण का प्रतिनिधित्व करता है। लाल ध्वजा शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। इस वंश से जुड़े लोग अपने साहस और दृढ़ता के लिए जाने जाते हैं।
- गोत्र: पुहुप
- भाइयों की संख्या: 4
- भाइयों के नाम: पोर्रे, पडोटी, पदाम, चचाम, कनेलकर
- पूज्य दिन: बृहस्पतिवार
- ध्वजा का रंग: हरा
- गढ़: बैरागढ़
चंद्रवंश को सतोगुण का वंश माना गया है। हरी ध्वजा उन्नति, शांति और प्रकृति के साथ सामंजस्य का प्रतीक है। बैरागढ़ इस वंश का आध्यात्मिक केंद्र है।
- गोत्र: कौशल, भारद्वाज, कौशिक, पालेश्वर
- भाइयों की संख्या: 18
- भाइयों के नाम: कोर्राम, कुमार्रा, कतलाम, कुलाम, छेदईहा, अरकरा, कोटा, पायला, कमतरा, मैरा, तितराम, ओटी, नेटी, तुमरेकी, कोड़प्पा, कोटकोटा, छावड
- पूज्य दिन: मंगलवार
- ध्वजा का रंग: पीला
- गढ़: चांदागढ़
सूर्यवंश, तमोगुण से प्रेरित होकर अनुशासन और शक्ति का प्रतीक है। इसकी पीली ध्वजा ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक है।
- गोत्र: शांडिल
- भाइयों की संख्या: 3
- भाइयों के नाम: सोरी, मरकाम, खुसरो
- पूज्य दिन: शुक्रवार
- ध्वजा का रंग: काला
- गढ़: धमधागढ़
अग्निवंश को तमोगुण का प्रतिनिधि माना गया है। इसकी काली ध्वजा बलिदान और आत्मसंयम का प्रतीक है।
विशेष जानकारी
यह वंशावली भारत के विभिन्न क्षेत्रों में गहराई से जुड़ी हुई है। यह केवल सामाजिक संरचना का हिस्सा नहीं है, बल्कि धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिक जीवन का आधार भी है। प्रत्येक वंश के अपने नियम, पूज्य दिन, और ध्वजा का रंग उनके गुण और ऊर्जा को दर्शाता है।
जय सेवा जय फड़ापेन!
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