श्यामजी वर्णन कियो, ध्रुव राजा के वंश ।
अंग बने राजा बने , सब उसी के अंग।।
पांच अंश से पांच विधी वंशाली उतपत्ति दियो पाँच गोत्र पांच कुल गुरु 25 पूजन कियो।।
पाँच कुल की पाँच भूमि सनातन श्री मुखी कहि गयो,समय हीन चारो वर्ण को धर्म में आचरण कियो।
1. गंग वंश (रजोगुणी)
गोत्र (कुम्भ)भाइयों की संख्या =4
भाइयों के नाम - नेताम , टेकाम, सेन्द्राम, करियाम
पूज्य दिन- सोमवार, बुधवार
ध्वजा - सफेद
गढ़- लांजी
2.नागवंश (तमोगुणी )
गोत्र (कश्यप पुलस्त)
भाइयों की संख्या - 7
भाइयों के नाम- मरइ, कुंजाम, खुड़श्याम, श्याम , सेवता,पंद्ररो
चान्द्रम
पूज्य दिन - इतवार, शनिवार
ध्वजा- लाल
गढ़ - मंडला
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3. चंद्रवंश ( सतोगुणी)
गोत्र ( पुहुप)
भाइयों की संख्या- 04
भाइयों के नाम- पोर्रे, पडोटी, पदाम, चचाम, कनेलकर
पूज्य दिन- बृहस्पतिवार
ध्वजा - हरा
गढ़ - बैरागढ
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4. सूर्यवंश( तमोगुणी)
गोत्र ( कौशल भारद्वाज कौशिक, पालेश्वर )भाइयों की संख्या- 18
भाइयों के नाम- कोर्राम, कुमार्रा, कतलाम, कुलाम , छेदईहा,
अरकरा, कोटा, पायला, कमतरा, मैरा, तितराम, ओटी, नेटी,
तुमरेकी, कोड़प्पा,कोटकोटा, छावड
पूज्य दिन- मंगलवार
ध्वजा - पीला
गढ़ - चांदागढ़
5. अग्निवंश( तमोगुणी)
गोत्र ( शांडिल)
भाइयों की संख्या-03
भाइयों के नाम- सोरी, मरकाम, खुसरो
पूज्य दिन- शुक्रवार
ध्वजा - काला
गढ़ - धमधागढ़
Jagat
जवाब देंहटाएंजय सेवा जगत जी
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंशोभित राम नेताम जय सेवा जय जोहार
जवाब देंहटाएंजय जोहार, जय सेवा
हटाएंजय सेवा जी,, यहां पर गोत्र को अच्छी तरह से प्रस्तुत किया गया है ,,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद जी
हटाएंPendram gotra ke kitne dev hote hai
जवाब देंहटाएंPendram kitne dev ke hote hai
जवाब देंहटाएंJai Seva saga
जवाब देंहटाएंजय सेवा
हटाएंBahut briha jai johar jai sewa
जवाब देंहटाएंजय सेवा जय बडादेव जय गोँड़वाना
जवाब देंहटाएंसेवा, सेवा
हटाएंHii
जवाब देंहटाएंजय सेवा जय बड़ा देव जय गोंडवाना लैंड पूरे विश्व के आदिवासियों को गोंडी धर्म ही लिखे सेवा जोहार साथियों
जवाब देंहटाएं