विभिन्न गोंडों की गोत्रावली आप की जानकारी हेतु






विभिन्न गोंडों की गोत्रावली आप की जानकारी हेतु
              ध्रुव वंश गोत्रावली

तीन देव:- सोरी, मरकाम, खुसरो

चार देव :- नेताम, टेकाम, करियाम, सिंदराम.

पांच देव :- पडोती, पद्राम, पुराम, किले, नहका, नमृर्ता


छ: देव:- कतलाम, उइका, ओटी, कोर्राम, तुमरेकी, कोड़प्पा, कोमर्रा, कोहकटा, पट्टा, अरकरा, दराजी, सलाम, पुसाम, पावले, घावड़े, ततराम, जीर्रा, मातरा,गावडे़, कुमेटी,

सात देव :- कुंजाम, सेवता, मरई (मंडावी), खुरश्याम, ताराम, पंद्रो, श्याम

      मुख्य देवगढ़
तीन देव:- "धमधागढ़"
चार देव:- "लांजीगढ़"
पांच देव:- "बैरागढ़"       
छ:देव:- "चांदागढ़"
सात देव:- "मंडलागढ़"


टीप:- यह गोत्र व्यवस्था दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव के प्लेन क्षेत्र में प्रचलित है..!!


               माठिया गोंड
यह बिलासपुर, रतनपुर एवं सरगुजा वनक्षेत्र में प्रचलित है:- 

तीन देव:- धमधागढ़, शांडिल्य गोत्र बाघ बाना
मरकाम, नेटी, खुसरो, सोरी, सिरसो, पोया
चार देव:- रायसिंघोरागढ़, गोत्रगुरूप,बाना फुलेशर
टेकाम, नेताम, आयम, केराम, करियाम, शिवराम, मर्सकोला, तिलगाम, सिंगराम, घुरायम, धुरवा, लेडाम, पुसाम, ओची, परपची, उडवाची, झिकराम, झुकरा


*पांच देव:-* हीराग, कांशी, गोत्र कटककेसर बाना
ओटी, पोटी, सवाम, चिरको, डफाली


पांच देव:- बैरागढ़, शेया गोत्र, परथ बाना
परते, कमरो, कोरचो, ओलको, चेचाम

*छ:देव:-* देवगढ़, पुहुप गोत्र, नाग बाना
उइका, उर्रे, अरमो, ओरकेरा, कोर्राम, मरापो, ओड़े, ओडाली, पावले, नगतध्रुर्वा, पोटा, नीरा


*सात देव:-* गढ़ मंडला, आंडिल्य गोत्र, नाग बाना
मरावी, मसराम, श्याम, सरूता, मलगाम, मर्सकोला, करपे, पंद्रो, घेराम, सोरटिया, आरमोर, कंगाली, भलावी, मलावी, बदिहा, कोलिहा


             *पहरिया गोंड*
*इसमें देव व्यवस्था नही होती सिर्फ पक्ष विपक्ष होता है..*

*प्रथम पक्ष_*
गावड़े, नेताम, टेकाम, कोर्राम, कोमर्रा, कुमेटी, मरकाम, करलाम, पोया, पद्दा, पदोटी, तुमरेकी, उइका, सलाम, कमरो, उसेंडी, हिडको, सोरी, पुडो, नुटी, तटा, वट्टी, तोपा, मतलामी, मर्रापी, परचापी, होडोपी, होडोषी, हिरामी, हिचामी, हर्रो, कोवाची, केराम, कोरचा, कमरो, कुमेटी, करियाम,


*द्वितीय पक्ष--* मरई, कुंजाम, श्याम, ध्रुर्वा, कोरोटी, दर्रो, कौड़ो, खुरश्याम, सेवता, गोटी, पोया, पदागोटा, नुरोटी, नेरोटी, वरवेटी, नरेटी, कल्लो, आ्चला, दुग्गा, तुलाई, तारम, करंगा, बोगा, पोटई, हुर्रा, कोला
इसमें सिर्फ दो घराना होते हैं .या कह सकते हैं सम व विषम या लिंगो दर्शन के अनुसार पितृ पक्ष एवं मातृपक्ष ,सम पितृ पक्ष २,४,६,८,१०,१२ देव तथा विषम मातृ पक्ष १,३,५,७,९, देव
बोरदा, शक्ति क्षेत्र की वंशावली.

*गोंड सात वंश के हैं*
*१,सुर्यवंशी (देवगढ़ चांदा )* गोत्र पारेश्वर ६ भाई जगत, १.धुरवा,२.पोखर ३.पोटा ४. भोय ५. गड़तिया ६. धोवा बनवास मांझी
*२. सोमवंशी. पोर्रे ( बैरागढ़ )* गोत्र अत्रि
५ भाई पोर्रे ( पोर्ते )१.नेताम,२.कामेरा ३. मांझी ४.राय ५. भुलेटर
*३.गंगवंशी नेताम (लांजीगढ़)* गोत्र_कश्यप,४ भाई
नेताम, टेकाम, मरपाची, केवाची
*४. गाग्रमवंशी मरकाम (धमधागढ़)* शांडिल्य ५ भाई
१.टेढ़ी मरकाम,२. डुडी मरकाम ३. सहाड़ मरकाम ४.सेत मरकाम ५.साल मरकाम
*५.जदुवंशी नेट (सम्हरगढ़ )* गोत्र अन्डील ३ भाई नेटी
६.कदमवंशी ओटी(आलंका भुवन मठ )गोत्र पुलस्त ६ भाई ओटी १.डोंगर गछा २.डाही डोरा ३.भद्रा ४.बिसोरिहा ५. बहीगा ६. सील
*७.नागवंशी मरई(मरावी )गढ़ मंडला* ,गोत्र पुहुप ७ भाई १.गुटाम २. कुंजाम ३. पुसाम ४. पुरकाम ५. साय ( साही) ६. राय ७. कांदरो

नोट :- *राज गोंड वंशावली अलग है जो ध्रुव वंश और अमात्य गोंड़ के साथ मेल खाता है..!!*

विभिन्न गोंडों की गोत्रावली

गोंड जनजाति की गोत्रावली विविध प्रकार की होती है और विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न गोत्रों की प्रचलित व्यवस्थाएँ हैं। इस लेख में हम गोंडों के विभिन्न गोत्रों और उनकी देव व्यवस्था पर चर्चा करेंगे, जो मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के कुछ क्षेत्रों में प्रचलित हैं।

ध्रुव वंश गोत्रावली
ध्रुव वंश में कई गोत्रों की व्यवस्था पाई जाती है, जो विभिन्न देवों से संबंधित हैं:

तीन देव

सोरी
मरकाम
खुसरो
चार देव

नेताम
टेकाम
करियाम
सिंदराम
पाँच देव

पडोती
पद्राम
पुराम
किले
नहका
नमृर्ता
छ: देव

कतलाम
उइका
ओटी
कोर्राम
तुमरेकी
कोड़प्पा
कोमर्रा
कोहकटा
पट्टा
अरकरा
दराजी
सलाम
पुसाम
पावले
घावड़े
ततराम
जीर्रा
मातरा
गावडे़
कुमेटी
सात देव

कुंजाम
सेवता
मरई (मंडावी)
खुरश्याम
ताराम
पंद्रो
श्याम
मुख्य देवगढ़

तीन देव: धमधागढ़
चार देव: लांजीगढ़
पाँच देव: बैरागढ़
छ: देव: चांदागढ़
सात देव: मंडलागढ़
टीप: यह गोत्र व्यवस्था दुर्ग, रायपुर, और राजनांदगांव के प्लेन क्षेत्र में प्रचलित है।

माठिया गोंड
यह गोत्र प्रणाली मुख्य रूप से बिलासपुर, रतनपुर और सरगुजा वनक्षेत्र में प्रचलित है।

तीन देव

धमधागढ़
शांडिल्य गोत्र बाघ बाना
मरकाम
नेटी
खुसरो
सोरी
सिरसो
पोया
चार देव

रायसिंघोरागढ़
गोत्रगुरूप
बाना फुलेशर
टेकाम
नेताम
आयम
केराम
करियाम
शिवराम
मर्सकोला
तिलगाम
सिंगराम
घुरायम
धुरवा
लेडाम
पुसाम
ओची
परपची
उडवाची
झिकराम
झुकरा
पाँच देव

हीराग
कांशी
गोत्र कटककेसर बाना
ओटी
पोटी
सवाम
चिरको
डफाली
पाँच देव (बैरागढ़, शेया गोत्र, परथ बाना)

परते
कमरो
कोरचो
ओलको
चेचाम
छ: देव

देवगढ़
पुहुप गोत्र, नाग बाना
उइका
उर्रे
अरमो
ओरकेरा
कोर्राम
मरापो
ओड़े
ओडाली
पावले
नगतध्रुर्वा
पोटा
नीरा
सात देव

गढ़ मंडला
आंडिल्य गोत्र, नाग बाना
मरावी
मसराम
श्याम
सरूता
मलगाम
मर्सकोला
करपे
पंद्रो
घेराम
सोरटिया
आरमोर
कंगाली
भलावी
मलावी
बदिहा
कोलिहा
पहरिया गोंड
इस गोत्र व्यवस्था में देव व्यवस्था नहीं होती, बल्कि इसमें केवल पक्ष और विपक्ष होते हैं, जो पितृ पक्ष और मातृ पक्ष के आधार पर होते हैं।

प्रथम पक्ष

गावड़े
नेताम
टेकाम
कोर्राम
कोमर्रा
कुमेटी
मरकाम
करलाम
पोया
पद्दा
पदोटी
तुमरेकी
उइका
सलाम
कमरो
उसेंडी
हिडको
सोरी
पुडो
नुटी
तटा
वट्टी
तोपा
मतलामी
मर्रापी
परचापी
होडोपी
होडोषी
हिरामी
हिचामी
हर्रो
कोवाची
केराम
कोरचा
कमरो
कुमेटी
करियाम
द्वितीय पक्ष

मरई
कुंजाम
श्याम
ध्रुर्वा
कोरोटी
दर्रो
कौड़ो
खुरश्याम
सेवता
गोटी
पोया
पदागोटा
नुरोटी
नेरोटी
वरवेटी
नरेटी
कल्लो
आ्चला
दुग्गा
तुलाई
तारम
करंगा
बोगा
पोटई
हुर्रा
कोला
इसमें दो घराने होते हैं - सम पितृ पक्ष और विषम मातृ पक्ष, जिनमें सम पितृ पक्ष 2, 4, 6, 8, 10, 12 देव और विषम मातृ पक्ष 1, 3, 5, 7, 9, 11 देव होते हैं।

गोंड सात वंश
गोंडों के सात प्रमुख वंश निम्नलिखित हैं:

सुर्यवंशी (देवगढ़ चांदा) – गोत्र पारेश्वर
6 भाई:

धुरवा
पोखर
पोटा
भोय
गड़तिया
धोवा बनवास मांझी
सोमवंशी (पोर्रे - बैरागढ़) – गोत्र अत्रि
5 भाई:

नेताम
कामेरा
मांझी
राय
भुलेटर
गंगवंशी (नेताम - लांजीगढ़) – गोत्र कश्यप
4 भाई:

नेताम
टेकाम
मरपाची
केवाची
गाग्रमवंशी (मरकाम - धमधागढ़) – शांडिल्य
5 भाई:

टेढ़ी मरकाम
डुडी मरकाम
सहाड़ मरकाम
सेत मरकाम
साल मरकाम
जदुवंशी (नेट - सम्हरगढ़) – गोत्र अंडील
3 भाई:

नेटी
कदमवंशी (ओटी - आलंका भुवन मठ) – गोत्र पुलस्त
6 भाई:

डोंगर गछा
डाही डोरा
भद्रा
बिसोरिहा
बहीगा
सील
नागवंशी (मरई - गढ़ मंडला) – गोत्र पुहुप
7 भाई:

गुटाम
कुंजाम
पुसाम
पुरकाम
साय (साही)
राय
कांदरो
नोट: राज गोंड वंशावली अलग है, जो ध्रुव वंश और अमात्य गोंड के साथ मेल खाता है।

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