750 का अर्थ
7 => आत्मा गुण
(१) ज्ञान
(२) पवित्र
(३) प्रेम
(४) शांति
(५) खुशी
(६) आनन्द
(७) शक्ति
5 => शरीर( पांच तत्व)
(१) आकाश
(२) धरती
(३) पानी
(४) अग्नि(आग)
(५) हवा (वायु)
0 =>निराकार
जिसका कोई आकार नहीं
7
+
5
+
0
-------
= 12
केवल 12 ज्योतिर्लिंग है।
और हमारे समाज में भी 12 गोत्र देव है।
गोंड समाज और पूजनीय अंक 750: जीवन दर्शन
गोंड समाज में भाषा के साथ-साथ ऐसे कई चिन्ह-प्रतीक होते हैं जो हर क्षेत्र के गोंड आदिवासियों में समान हैं। इन चिन्हों में से एक है 750 की संख्या। यह केवल एक संख्या नहीं है, बल्कि मनुष्य से संबंधित जीवन के गहरे रहस्यों और दर्शन को व्यक्त करती है।
750: महान पूजनीय अंक
सभी गोंड आदिवासी अपने मूल्यवान चिन्ह 750 के महत्व को जानते हैं। यह अंक विवाह से लेकर मृत्यु तक मनुष्य के जीवन चक्र की जानकारी प्रदान करता है। यह ज्ञान गोंड आदिवासियों के दैनिक जीवन का हिस्सा है और इसे अनादि काल से निभाया जा रहा है।
7 का अर्थ: आत्मा और गुण
मनुष्य के अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए विवाह की आवश्यकता होती है। विवाह के समय 7 दिनों को साक्षी मानकर 7 वचन और 7 फेरे लिए जाते हैं। इस प्रकार, 7 अंक शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह आत्मा और गुणों का प्रतीक है।
5 का अर्थ: शरीर
मनुष्य का शरीर 5 तत्वों से बना होता है:
आकाश
धरती
पानी
अग्नि
हवा
मृत्यु के बाद, दफनाने से पहले 5 फेरे लिए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्ति मृतक के शरीर पर 2 मुट्ठी मिट्टी डालते हैं और 5 उरई के पौधे लगाते हैं। यह पौधा मृत शरीर को दुर्गंधित होने से बचाता है और यह प्रथा छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में विशेष रूप से देखी जाती है।
गोंड समाज मानता है कि मृत शरीर को 5 तत्वों की प्रक्रिया में समाहित करने से 9 शक्तियाँ उत्पन्न होती हैं, जो पृथ्वी के अंदर बहकर जल स्रोतों तक पहुँचती हैं।
0 का अर्थ: निरंकार
0 का अर्थ है "निरंकार" या जिसका कोई आकार नहीं होता। यह पृथ्वी के समान गोल है। जब माँ के गर्भ में बच्चा होता है, तो माँ का पेट गोलाकार दिखाई देता है, जो पृथ्वी का प्रतीक है। अतः यह अंक जीवन और मृत्यु का प्रतीक है।
750: देव संख्या से जुड़ा महत्व
जब 7 + 5 + 0 को जोड़ा जाता है, तो 12 अंक प्राप्त होता है। गोंड समाज में यह 12 ज्योतिर्लिंगों और 12 गोत्र देवताओं से जुड़ा है। इन देवताओं के गोत्रों की कुल संख्या 750 होती है।
गोंड समाज में 1 से 7 देवताओं में 100 गोत्र और 8 से 12 देवताओं में 10 गोत्र होते हैं। इन सभी को जोड़ने पर 750 का पवित्र अंक बनता है, जो गोंड समाज की सांस्कृतिक पहचान का प्रमुख प्रतीक है।
गोंड समाज की सांस्कृतिक धरोहर
750 अंक गोंड आदिवासियों का अमूल्य चिन्ह है। यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि पूरे संसार के जीवन चक्र का प्रतीक है। गोंड समाज को अपनी संस्कृति, भाषा और चिन्हों पर गर्व होना चाहिए। इन परंपराओं को जीवित रखना और इन्हें लुप्त होने से बचाना हमारा कर्तव्य है।
गोंड समाज की संस्कृति में छिपा यह ज्ञान अनमोल है। हमें इसे सहेजकर अगली पीढ़ी को सौंपना चाहिए ताकि हमारी पहचान और गौरव हमेशा जीवित रहे।
गोण्डवाना सेवा समिति
Bahut achha laga information
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंHum sub milkr aane wale dino me Gondwana banayge .our apni sabhyata Sanskriti bachayge .jai sewa jai Johar jai bada Dev.
जवाब देंहटाएंआत्मा के सात गुणों में से खुशी के जगह विवेक होना चहिए क्योंकि खुशी उथली बात है जो लगभग आनंद के समनार्थी है आनंद गहरी बात है। खुशी का अनुभव क्षणिक है, आनंद होना बहुत बड़ी बात है। विवेक एक अंतस्थ अभिव्यक्ति है जो एक सही की ओर गमन करती है।
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